दिल्ली: अपहरण और सामूहिक बलात्कार के मामले में चार दोषियों को 20 साल की सजा



नई दिल्ली (एएनआई): कड़कड़डूमा कोर्ट ने अपहरण, सामूहिक बलात्कार, अवैध रूप से बंधक बनाने, शारीरिक चोट पहुंचाने और आपराधिक धमकी से जुड़े एक दशक पुराने मामले में चार दोषियों को 20 साल की सजा सुनाई है। पीड़िता को 3 अगस्त 2015 को नौकरी दिलाने के बहाने अगवा कर उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के मदारपुर गांव ले जाया गया था, जहां उसे बंधक बनाकर रखा गया। हालांकि, वह किसी तरह वहां से भागने में सफल रही।  

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) स्वाति कटियार ने दोषी बिजनेश उर्फ दीपक और उसके छोटे भाई दिनेश को सामूहिक बलात्कार के लिए 20 साल की सजा, अपहरण के लिए 7 साल की सजा, अवैध रूप से बंधक बनाने के लिए 1 साल की सजा, चोट पहुंचाने के लिए 1 साल की सजा और आपराधिक धमकी के लिए 2 साल की सजा सुनाई।  

बिजनेश की पत्नी नेहा उर्फ सुनीता और दिनेश की पत्नी रूबी को अपराध में उकसाने का दोषी ठहराया गया और उन्हें भी समान सजा सुनाई गई। इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।  

अदालत ने दोषियों के प्रति किसी भी तरह की नरमी बरतने से इनकार कर दिया और कहा कि ऐसे जघन्य अपराध में दया दिखाना न्याय का मखौल उड़ाना होगा। दोषियों को कड़ी सजा देना जरूरी है ताकि यह एक निवारक के रूप में काम करे। कोर्ट ने दिल्ली कानूनी सेवा प्राधिकरण (DLSA) को निर्देश दिया कि वह पीड़िता को उचित मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू करे।  

अभियोजन पक्ष ने साबित किया कि दोषियों ने पीड़िता को धोखा देकर अगवा किया, उसे गलत तरीके से बंधक बनाकर शारीरिक और मानसिक यातनाएं दीं। कोर्ट ने माना कि अगर पीड़िता हिम्मत नहीं दिखाती, तो उसे कहीं बेच दिया जाता।  


यह फैसला 1 मार्च 2024 को सुनाया गया था, जबकि 7 मार्च को सजा तय की गई।

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