देहरादून में बनेगा 6,250 करोड़ रुपये का एलिवेटेड कॉरिडोर, ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत




देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में यातायात दबाव को कम करने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए रिस्पना और बिंदाल नदियों पर 6,250 करोड़ रुपये की लागत से चार लेन के एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना पर लोक निर्माण विभाग (PWD) ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।  

मंगलवार को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में इस परियोजना को लेकर चर्चा की गई। बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, देहरादून के विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा ‘काऊ', सविता कपूर, बृजभूषण गैरोला, खजान दास, देहरादून के महापौर सौरभ थपलियाल, जिलाधिकारी सविन बंसल और लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने देहरादून में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए इस परियोजना को जरूरी बताया और इसके निर्माण से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।  

रिस्पना नदी पर बनने वाले एलिवेटेड कॉरिडोर की लंबाई 11 किलोमीटर होगी, जिसकी अनुमानित लागत 2,500 करोड़ रुपये है। यह रिस्पना सेतु (विधानसभा के पास) से शुरू होकर नागल ब्रिज तक जाएगा, जिसमें सहस्रधारा चौक और धोरण-आईटी पार्क रोड मुख्य जंक्शन होंगे। वहीं, बिंदाल नदी पर बनने वाले एलिवेटेड कॉरिडोर की लंबाई 15 किलोमीटर होगी, जिसकी लागत 3,750 करोड़ रुपये तय की गई है। इसका प्रारंभिक बिंदु बिंदाल ब्रिज (कारगी चौक के पास) और समाप्ति बिंदु राजपुर रोड पर साई मंदिर के पास होगा। इस मार्ग में लाल पुल चौक, बिंदाल तिराहा, विजय कॉलोनी और मसूरी डायवर्जन मुख्य जंक्शन होंगे।  

जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि परियोजना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी, समरेखण और ड्राफ्ट विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर ली गई है। इसके अलावा, आईआईटी रूड़की द्वारा हाइड्रोलॉजिकल मॉडल स्टडी भी पूरी हो चुकी है। रिस्पना और बिंदाल नदी के तल में मौजूद विद्युत लाइन, हाई टेंशन लाइन, सीवर लाइन और अन्य यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिए विभागों का संयुक्त निरीक्षण भी हो चुका है, जबकि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।  

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस परियोजना के कार्य में तेजी लाई जाए। उन्होंने इसे दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार से सहयोग लेने और राज्य स्तर पर काम जल्द शुरू करने की बात कही।  

इस परियोजना के तहत रिस्पना और बिंदाल नदियों पर एलिवेटेड कॉरिडोर बनने से शहर के प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक दबाव कम होगा। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण और सौंदर्यीकरण को भी प्राथमिकता दी जाएगी। नदी किनारों पर रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्लान के तहत हरियाली और जल निकासी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।  

आगे की योजना के तहत लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही विशेष प्रयोजन इकाई (SPV) का गठन किया जाएगा, जिसमें मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA), नगर निगम, लोक निर्माण विभाग (PWD) और राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। इसके अलावा, स्थानीय विधायकों और पार्षदों को भी इस परियोजना में सम्मिलित किया जाएगा ताकि बेहतर समन्वय के साथ निर्माण कार्य हो सके।  

इस परियोजना के पूरा होने के बाद देहरादून में यातायात की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी और शहर का बुनियादी ढांचा आधुनिक परिवहन सुविधाओं के साथ और अधिक विकसित होगा।

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