मुंबई: देश की शीर्ष 10 आईटी कंपनियों में से आठ इस समय आर्थिक मंदी का सामना कर रही हैं, जिससे इन कंपनियों को कुल 88,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इंफोसिस, एचसीएल टेक, और टेक महिंद्रा जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयर लगातार गिर रहे हैं। सबसे अधिक गिरावट एलटीआईमाइंडट्री में देखी गई, जिसका शेयर 33% तक लुढ़क गया, जबकि विप्रो ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन फिर भी 16% की गिरावट झेलनी पड़ी।
आईटी सेक्टर में इस मंदी की छह प्रमुख वजहें मानी जा रही हैं। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के कारण कंपनियों की विकास दर धीमी हुई है। विदेशी क्लाइंट्स ने आईटी सेवाओं पर खर्च कम कर दिया है, जिससे राजस्व प्रभावित हुआ है। डॉलर और रुपये की अस्थिरता से भी कंपनियों की आमदनी प्रभावित हुई है। लागत बचाने के लिए कई आईटी कंपनियों ने भर्ती पर रोक लगा दी है और कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है। अमेरिकी नीतियों में बदलाव, खासकर वीजा और एच-1बी पॉलिसी में सख्ती के कारण भारतीय आईटी कंपनियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, बड़े आईटी ब्रांड्स को स्टार्टअप्स से भी कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है, जिससे उनका मार्केट शेयर घट रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ महीनों तक आईटी सेक्टर में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। निवेशकों को सतर्क रहने और सोच-समझकर फैसले लेने की सलाह दी जा रही है।