जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बजट को बताया ‘प्रेम पत्र’, विपक्ष को दिया करारा जवाब



जम्मू: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष के बजट भाषण पर कटाक्ष का अनोखे अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह बजट जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक "प्रेम पत्र" है, जिसमें उनके प्रति गहरा लगाव और विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।  

विधानसभा में विपक्ष द्वारा उनके बजट भाषण की आलोचना के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, “हम प्रेम पत्र क्यों लिखते हैं? क्योंकि हम अपने प्रेम का इजहार करना चाहते हैं। मैंने भी यह बजट एक प्रेम पत्र के रूप में लिखा है। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों से बेइंतेहा मोहब्बत करता हूं और इस बजट के माध्यम से मैंने अपने प्रेम को मूर्त रूप देने का प्रयास किया है।"  

बजट में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री को धन्यवाद देने पर विपक्ष द्वारा की गई आलोचना पर मुख्यमंत्री ने कहा, "अगर केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए मदद की है तो क्या मैं धन्यवाद नहीं दूं? यह मेरी जिम्मेदारी है कि जो भी मदद करे, उसे आभार जताया जाए। मुझे इसमें कोई शर्मिंदगी नहीं है।"  

मुख्यमंत्री ने विपक्ष के कटाक्ष का जवाब देते हुए कहा कि विपक्षी दलों के सदस्य उनके बजट भाषण को प्रेम पत्र बता रहे हैं, लेकिन यह वास्तव में जनता के प्रति उनका प्रेम है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले पांच वर्षों तक वह इसी तरह के 'प्रेम पत्र' जनता के लिए लिखते रहेंगे।  

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों के नेताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने भाजपा विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया की तुलना क्रिकेटर से करते हुए कहा कि वह क्रिकेट खेलने आए थे लेकिन फुटबॉल खेलने लगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास बजट पर ठोस मुद्दे नहीं हैं, इसलिए वे राजनीतिक बातें कर रहे हैं।  

आर्थिक आत्मनिर्भरता के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सच है कि जम्मू-कश्मीर वित्तीय रूप से केंद्र पर निर्भर है, लेकिन सरकार इसे बदलने के लिए नए पर्यटन स्थलों, औद्योगिक क्षेत्रों और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित कर रही है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका बजट भाषण निराशावादी नहीं बल्कि यथार्थवादी था। उन्होंने कहा, "मैंने स्वीकार किया कि मेरे शरीर पर घाव हैं, लेकिन मैं यह नहीं कह रहा कि मृत्यु अवश्यंभावी है। हम इन घावों का इलाज कर सकते हैं और जम्मू-कश्मीर को आत्मनिर्भर बना सकते हैं।"  

मुख्यमंत्री के इस अनोखे अंदाज और करारे जवाब ने सदन में मौजूद सदस्यों का ध्यान आकर्षित किया और भाजपा के सदस्यों ने भी कई बार मेज थपथपाकर उनकी बातों का समर्थन किया।

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