श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी सरकार श्रीनगर में पर्यटन और धार्मिक स्थलों के प्रचार को प्राथमिकता दे रही है। विधानसभा में उन्होंने कहा कि डल झील, निशात, शालीमार, चश्माशाही, परी महल, मंदिर, गुरुद्वारे और अन्य स्थल श्रीनगर की पहचान हैं, जिन्हें सरकार बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य स्तंभ है, जो जीडीपी और रोजगार में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
सरकार साहसिक पर्यटन, एमआईसीई, गोल्फ, इको-टूरिज्म, तीर्थयात्रा और सांस्कृतिक पर्यटन जैसी श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जा रहा है। साथ ही, गुरेज, केरन, बुंगस, तोसामैदान, अहरबल, दूधपथरी, मचैल, भद्रवाह, सुकराला माता और पंचेरी जैसे कम खोजे गए पर्यटन स्थलों को भी विकसित किया जा रहा है।
पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जहां 2023 में 2.11 करोड़ पर्यटक आए थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 2.35 करोड़ हो गई। सरकार ने पिछले तीन वर्षों में पर्यटन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं। 2022-23 में 984 परियोजनाएं शुरू हुईं, जिनमें से 549 पूरी हुईं। 2023-24 में 1,191 परियोजनाएं शुरू हुईं, जिनमें से 516 पूरी हुईं। 2024-25 में अब तक 1,914 परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिनमें से 1,057 पूरी हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पर्यटन सुविधाओं में सुधार और आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।