सरसवा: होली रंगों और खुशियों का पर्व है, लेकिन इसे मनाते समय जल संरक्षण का ध्यान रखना भी उतना ही आवश्यक है। जल जीवन मिशन के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन की ओर से इस वर्ष होली पर जल बचाने और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है।
जिला सलाहकार मंगतु राम सरसवा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी खंड संसाधन संयोजकों को संबोधित करते हुए कहा कि जल जीवन मिशन के तहत लोगों से अपील की जा रही है कि वे पेयजल की बर्बादी न करें, नलों को खुला न छोड़ें और हर नल पर टोंटी अवश्य लगाएं। उन्होंने आमजन से अनुरोध किया कि होली के त्योहार पर जरूरत के मुताबिक ही पानी का सीमित उपयोग करें और अनावश्यक रूप से पेयजल को नष्ट न करें। उन्होंने कहा कि सूखी होली न केवल जल संरक्षण में सहायक होगी, बल्कि यह त्वचा और स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर साबित होगी।
जल जीवन मिशन के तहत ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सहित ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक संगठनों और विद्यालयों में जल बचाने का संदेश प्रचारित करने के लिए विभागीय टीम बैठकें आयोजित कर रही है। ग्रामीणों को जल के महत्व और इसके संरक्षण के प्रयासों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। साथ ही, प्राकृतिक रंगों के उपयोग की सलाह दी जा रही है ताकि जल स्रोतों को रासायनिक रंगों से प्रदूषित होने से बचाया जा सके।
समाज के हर व्यक्ति को चाहिए कि वह प्रकृति के संसाधनों का संवर्धन करें और पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभाए। "रंगों से खेलें होली, पानी की बचत करें पूरी!" जैसे संदेशों के माध्यम से आमजन को प्रेरित किया जा रहा है कि वे होली के इस पावन अवसर पर सतत विकास और जल संरक्षण में अपना योगदान दें।