नोएडा: थाना सेक्टर-58 पुलिस ने आरपीएफ कांस्टेबल की लिखित परीक्षा में ब्लूटूथ और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद से नकल कराने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक परीक्षार्थी और एक निजी कंपनी का कर्मचारी शामिल है, जो सेंटर में काम करता था और नकल कराने में सहयोग दे रहा था।
पुलिस के अनुसार, सेक्टर-62 स्थित आईओन डिजिटल जोन (आईडीजेड-2) में 2 मार्च से 18 मार्च तक आरपीएफ कांस्टेबल की लिखित परीक्षा आयोजित की जा रही है। 7 मार्च को परीक्षा के दौरान आजाद नामक परीक्षार्थी फ्लोर 5 के लैब ए-5 में परीक्षा दे रहा था। आजाद ने बेंच के नीचे एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस छिपाकर सेटअप किया था और कान में ब्लूटूथ डिवाइस लगाकर किसी व्यक्ति से प्रश्नों के उत्तर सुन रहा था।
परीक्षा केंद्र के कक्ष निरीक्षक छत्रपाल को इस पर संदेह हुआ और उन्होंने अन्य स्टाफ वी.के. शर्मा, आदित्य चौधरी और आशीष रस्तोगी को बुलाकर तलाशी ली। तलाशी के दौरान आजाद के पास से ब्लूटूथ डिवाइस और बेंच के नीचे छुपाया गया इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किया गया।
पुलिस पूछताछ में आजाद ने कबूल किया कि उसके भाई असलम ने उसे परीक्षा पास कराने के लिए राहुल (निवासी मवाना, मेरठ) और पंकज (निवासी हासमपुर, मुजफ्फरनगर) से संपर्क किया था। 4 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था, जिसमें 50 हजार रुपये एडवांस के तौर पर दे दिए गए थे। राहुल और पंकज ने यह काम सुमित (निवासी नगला बड़ी, बागपत) के जरिए किया, जिसने सेंटर में काम करने वाले अर्जुन डागर से संपर्क किया।
अर्जुन डागर, जो कि परीक्षा केंद्र आईडीजेड-2 में काम करता था, ने ब्लूटूथ और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को 7वीं मंजिल के ए-7 लैब के बाथरूम में छुपा दिया था। आजाद ने उसी डिवाइस का इस्तेमाल कर परीक्षा के दौरान नकल करने का प्रयास किया। हालांकि, आजाद यह नहीं बता सका कि उसे प्रश्नों के उत्तर कौन दे रहा था।
पुलिस ने इस मामले में सेक्टर-58 थाने में मामला दर्ज कर लिया है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश के लिए छापेमारी जारी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह सुनियोजित तरीके से परीक्षाओं में नकल कराने का काम कर रहा था और इसमें कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस जल्द ही पूरे गिरोह का पर्दाफाश करेगी।