वृंदावन के श्री प्रियाकांत जू मंदिर में हाइड्रोलिक होली, भक्तों पर बरसेगा रंग



नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के वृंदावन स्थित श्री प्रियाकांत जू मंदिर में गुरुवार को हाइड्रोलिक होली का आयोजन किया जाएगा। इस विशेष आयोजन में धार्मिक गुरु देवकीनंदन महाराज भक्तों पर हाइड्रोलिक पिचकारी के माध्यम से रंगों की वर्षा करेंगे, जो इस मंदिर में होली उत्सव की एक अनूठी परंपरा बन चुकी है।  

मथुरा और वृंदावन में बसंत पंचमी के बाद से ही रंग-अबीर-गुलाल के साथ होली का उल्लास छाया हुआ है। 13 मार्च को होलिका दहन के साथ यह उत्सव और भी भव्य रूप ले लेगा। श्री प्रियाकांत जू मंदिर में बीते आठ दिनों से अलग-अलग तरह की होली खेली जा रही है, जिसमें लड्डू-जलेबी होली, रसिया होली, लट्ठमार होली, छड़ीमार होली और गुलाल होली शामिल हैं।  

मंदिर प्रशासन ने बताया कि इस विशेष आयोजन में टेसू के फूलों से तैयार किए गए प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाएगा, ताकि पर्यावरण के अनुकूल उत्सव सुनिश्चित किया जा सके।  

होली उत्सव की शुरुआत विश्व शांति प्रार्थना और श्रीमद्भागवत कथा के साथ हुई। कार्यक्रम के पहले दिन आध्यात्मिक जगत के कई प्रतिष्ठित संतों ने भाग लिया, जिनमें हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास महाराज और सत्यमित्रानंद महाराज भी शामिल रहे।  

अपने प्रवचन में देवकीनंदन महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा सुनने के आध्यात्मिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इसे केवल मनोरंजन के रूप में नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और समृद्ध अनुभव के रूप में ग्रहण करना चाहिए।  

मंदिर सचिव विजय शर्मा ने बताया कि गुरुवार को होलिका दहन के दिन आगंतुकों को ब्रज की संपूर्ण होली परंपराओं की झलक देखने को मिलेगी। इस अवसर पर भक्त पारंपरिक होली के विभिन्न रूपों का अनुभव कर सकेंगे, जिसमें भक्ति, आनंद और सामुदायिक भावना का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।  

इस साल की होली श्री प्रियाकांत जू मंदिर में आध्यात्मिक अनुष्ठानों और भक्ति संगीत के साथ मनाई जाएगी, जिससे यह उत्सव सभी भक्तों के लिए अविस्मरणीय अनुभव बन जाएगा।

Previous Post Next Post