गाजियाबाद: गाजियाबाद नमो भारत स्टेशन पर जल्द ही अत्याधुनिक को-वर्किंग स्पेस "मेट्रोडेस्क" की शुरुआत होने जा रही है। एनसीआरटीसी द्वारा विकसित यह स्पेस पेशेवरों, उद्यमियों और स्टार्टअप्स के लिए सुविधाजनक कार्यस्थल प्रदान करेगा। स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल पर स्थित इस केंद्र में 42 ओपन वर्कस्टेशन, 11 निजी केबिन और 2 मीटिंग रूम होंगे। हाई-स्पीड इंटरनेट, प्लग-एंड-प्ले वर्कस्टेशन, बायोमेट्रिक एंट्री और डिजिटल की-कार्ड जैसी आधुनिक सुविधाएं यहां उपलब्ध कराई जाएंगी।
को-वर्किंग स्पेस पारंपरिक कार्यालयों की तुलना में किफायती विकल्प प्रदान करता है, जिससे स्टार्टअप्स और छोटे व्यवसायों को महंगे कमर्शियल स्पेस किराए पर लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह स्थान पेशेवरों को यात्रा के समय में बचत के साथ ही नेटवर्किंग और सहयोग के बेहतर अवसर भी देगा।
कोविड-19 महामारी के बाद को-वर्किंग स्पेस की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2025 तक भारत का को-वर्किंग बाजार 2.08 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2030 तक 2.91 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख व्यावसायिक केंद्रों की तर्ज पर गाजियाबाद नमो भारत स्टेशन पर बनने वाला यह को-वर्किंग स्पेस, पेशेवरों के लिए एक आदर्श कार्यस्थल साबित होगा।