चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को एक अर्ध-सरकारी पत्र लिखकर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा प्रकाशित पंजाबी पाठ्यपुस्तक "पंजाबी प्राइमर" (पंजाबी काइदा) में पाई गई त्रुटियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
स्पीकर संधवां ने बताया कि यह पुस्तक बालवाटिका/आंगनवाड़ी स्तर के बच्चों और वयस्क साक्षरता कार्यक्रमों के लिए तैयार की गई है, लेकिन इसमें वर्तनी, तथ्यों और पंजाबी वर्णमाला के प्रकाशन में गंभीर गलतियां देखी गई हैं। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि पंजाबी वर्णमाला की शुरुआत "ਓ" की बजाय "ਅ" से की गई है, जो कि एक गंभीर गलती है।
उन्होंने कहा कि ऐसी त्रुटियां न केवल युवा विद्यार्थियों को गलत जानकारी देती हैं बल्कि वयस्क साक्षरता कार्यक्रमों की प्रभावशीलता को भी प्रभावित करती हैं। उन्होंने भारत सरकार के शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया कि इस पुस्तक की तुरंत पंजाबी भाषा के विशेषज्ञों और विद्वानों द्वारा समीक्षा करवाई जाए और आवश्यक संशोधन किए जाएं, ताकि छात्रों को शुद्ध और विश्वसनीय अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जा सके।
स्पीकर संधवां ने आगे कहा कि भविष्य में इस तरह की गलतियों को रोकने के लिए एक सख्त संपादकीय और गुणवत्ता-जांच प्रक्रिया लागू करना आवश्यक है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देश में बुनियादी शिक्षा और साक्षरता कार्यक्रमों की सफलता के लिए त्रुटि-मुक्त शिक्षण सामग्री प्रदान करना बेहद जरूरी है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप करने और जल्द से जल्द समाधान निकालने की अपील भी की।