आनंदपुर साहिब: श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद आज सोमवार को ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज्ज ने श्री केसगढ़ साहिब के नए जत्थेदार के रूप में अपनी सेवा संभाली। आज सुबह अमृत वेले (भोर) के समय ज्ञानी कुलदीप सिंह तख्त श्री केसगढ़ साहिब पहुंचे और मत्था टेकने के बाद उन्हें जत्थेदार पद की औपचारिक जिम्मेदारी सौंपी गई।
ताजपोशी कार्यक्रम के दौरान तख्त श्री केसगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जोगिंदर सिंह ने अरदास करवाई, जिसके बाद पांच प्यारों ने ज्ञानी कुलदीप सिंह को दस्तार भेंट कर जत्थेदार पद की जिम्मेदारी सौंपी। इस मौके पर सिख संगत और कई धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
हालांकि, इस नियुक्ति को लेकर काफी विवाद खड़ा हो गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा लिए गए इस फैसले का कई सिख संगठनों और निहंग सिंह जत्थों ने विरोध किया है। निहंग संगठनों और शिरोमणि अकाली दल के कुछ नेताओं ने SGPC पर दबाव बनाते हुए कहा कि ज्ञानी रघबीर सिंह और ज्ञानी सुल्तान सिंह को दोबारा उनके पद पर बहाल किया जाए।
SGPC के इस फैसले को लेकर विवाद तब और बढ़ गया जब कुछ सिख संगठनों ने आरोप लगाया कि यह फैसला राजनीतिक दबाव के चलते लिया गया है। हालांकि, SGPC ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि जत्थेदार पद पर नई नियुक्ति संगठन के नियमों के तहत की गई है और इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है।
वहीं, अपने पहले संबोधन के दौरान जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज्ज ने कहा कि वह सिख पंथ और गुरु घर की सेवा पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ करेंगे। उन्होंने कहा कि SGPC ने उन पर जो विश्वास जताया है, वह उसे पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे और सिख कौम की भलाई के लिए काम करेंगे।
अब देखने वाली बात होगी कि SGPC के इस फैसले पर बढ़ते विरोध के बीच क्या ज्ञानी कुलदीप सिंह अपनी सेवा सुचारू रूप से जारी रख पाएंगे या SGPC को दबाव के चलते इस फैसले पर पुनर्विचार करना पड़ेगा। फिलहाल, सिख संगठनों और निहंग सिंह जत्थों द्वारा SGPC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की संभावनाएं बढ़ गई हैं।