जथेदारों की नियुक्ति में मर्यादा उल्लंघन पर पूर्व जथेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने जताई आपत्ति

 



चंडीगढ़: अकाल तख्त साहिब के पूर्व जथेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि अकाल तख्त साहिब और तख्त श्री केसगढ़ साहिब पर हाल ही में हुई जथेदारों की नियुक्ति के दौरान मर्यादा का घोर उल्लंघन किया गया है। उन्होंने बताया कि देश-विदेश से संगतों ने इस मामले को लेकर उन पर आपत्ति जताई है और नाराजगी व्यक्त की है।  

ज्ञानी रघबीर सिंह ने बताया कि सिख मर्यादा के अनुसार, जब भी किसी तख्त के जथेदार की नियुक्ति की जाती है, तो विशेष आयोजन का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में सभी सिख जत्थेबंदियों, संप्रदायों, निहंग जत्थेबंदियों और उदासी संत-महापुरुषों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता है। इस अवसर पर हरमंदिर साहिब के हेड ग्रंथी द्वारा अकाल तख्त साहिब से जथेदार की नियुक्ति का ऐलान किया जाता है और संगत के जयकारों के साथ उसे स्वीकृति दी जाती है। लेकिन हाल ही में अकाल तख्त साहिब और तख्त श्री केसगढ़ साहिब पर हुई जथेदारों की नियुक्ति के दौरान इस पूरी प्रक्रिया की अनदेखी की गई, जिससे सिख संगतों में भारी रोष है।  

उन्होंने कहा कि तख्त श्री केसगढ़ साहिब पर हुई नियुक्ति के दौरान मर्यादा की बड़ी अनदेखी की गई। यहां तक कि श्री अखंड पाठ साहिब के प्रकाश से पहले ही सचिव और प्रबंधक द्वारा जथेदार को दस्तार भेंट की गई, जबकि मर्यादा के अनुसार ऐसा करना गलत है। उन्होंने कहा कि यह घटना सिख संगतों में गहरी नाराजगी का कारण बनी हुई है।  

ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि इस तरह की घटनाएं सिख मर्यादा के खिलाफ हैं और इससे तख्तों की गरिमा को ठेस पहुंचती है। उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से मांग की कि इस मामले की गहन जांच कराई जाए और मर्यादा का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए जाएं।  

उन्होंने कहा कि सिख तख्तों की गरिमा और सिख मर्यादा को बनाए रखना बेहद जरूरी है, ताकि सिख संगतों का विश्वास और आस्था बनी रहे। उन्होंने यह भी अपील की कि आगे से जथेदारों की नियुक्ति सिख मर्यादा के अनुरूप ही की जाए और इसमें किसी भी तरह का उल्लंघन न हो।

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