ऊना: ऊना में डेरा बाबा रुद्रानंद आश्रम नारी के महंत 1008 हेमानंद जी महाराज ने ताउम्र ब्रह्मलीन स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज के सिंहासन पर न बैठने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि वे उनके समकक्ष एक अलग गद्दी पर बैठकर डेरे का संचालन करेंगे।
प्रार्थना सभा और चादर विधि कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए हेमानंद जी महाराज ने इस क्षण को अत्यंत भावुक बताया। उन्होंने कहा कि वे करीब 30 वर्षों तक नि:स्वार्थ भाव से स्वामी सुग्रीवानंद जी की सेवा और उनके मार्गदर्शन में कार्यरत रहे। वर्ष 2015 में उन्हें उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया था और तब से वे महाराज जी के आशीर्वाद से डेरे की गतिविधियों का संचालन कर रहे थे।
अब संत महात्माओं के निर्देशों और शास्त्र विधि के अनुरूप वे आधिकारिक रूप से डेरे के संचालन की जिम्मेदारी संभालेंगे। उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वे एक वर्ष तक डेरे से बाहर किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे और आश्रम में रहकर ही धर्म और मानवता की सेवा करेंगे।