देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में प्रशासन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर थराली शहर को बाढ़ से बचाने के लिए पिंडर नदी की खुदाई शुरू कर दी है।
2024 में भारी बारिश और बादल फटने से पिंडर नदी में मलबा जमा हो गया था, जिससे सरस्वती विद्या मंदिर, मुख्य बाजार और रामलीला मैदान को खतरा पैदा हो गया था। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि नदी के किनारों के 1280 मीटर हिस्से की खुदाई कर उसे चैनलाइज़ किया जा रहा है, ताकि जलस्तर नियंत्रित रहे और बाढ़ का खतरा कम हो। मलबा तेजी से हटाया जा रहा है और नियमानुसार उसका निस्तारण किया जाएगा।
थराली के नागरिकों ने मुख्यमंत्री और प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई की सराहना की। इस कार्य से शहर की सुरक्षा मजबूत होगी और भविष्य में बाढ़ जैसी आपदाओं से होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा।
इस बीच, जोशीमठ में मकानों और सड़कों में आई दरारों को लेकर फैली चिंताओं पर जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में दिख रहे गड्ढे और गिरती दीवारें दो साल पुरानी हैं। उन्होंने कहा कि किसी नई दरार या गड्ढे की कोई सूचना नहीं है और स्थिति पूरी तरह सामान्य है। प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है।
2 मार्च को भारतीय सेना ने उत्तराखंड के चमोली जिले के माना इलाके में बचाव अभियान समाप्त किया। यह अभियान 28 फरवरी को हिमस्खलन में फंसे सीमा सड़क संगठन (BRO) के श्रमिकों को निकालने के लिए चलाया गया था।