चंडीगढ़ : हरियाणा के पानीपत और नूंह जिलों के कई प्राइवेट अस्पतालों पर फर्जीवाड़े के आरोप लगने के बाद सरकार ने इनकी जांच करवाने का निर्णय लिया है। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह मामला उठाया गया, जहां पानीपत सिटी से भाजपा विधायक प्रमोद कुमार विज ने आरोप लगाया कि ईएसआई (कर्मचारी राज्य बीमा) अस्पताल से मरीजों को जानबूझकर प्राइवेट अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है और वहां इलाज के नाम पर भारी-भरकम बिल बनाए जा रहे हैं। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
विधायक प्रमोद विज ने बताया कि पानीपत का ईएसआई अस्पताल खस्ताहाल स्थिति में चल रहा है और श्रम विभाग ने जिले के 21 प्राइवेट अस्पतालों को पैनल पर रखा हुआ है। लेकिन ईएसआई अस्पताल से मरीजों को सीधे इन प्राइवेट अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है और इसके बदले में सरकार को बड़े-बड़े बिल थमा दिए जाते हैं। उन्होंने सदन में यह भी खुलासा किया कि सरकार ने इन 21 अस्पतालों को अब तक 34 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जिसमें से 26 करोड़ रुपये केवल चार अस्पतालों को दिए गए हैं। विज ने इस मामले की विजिलेंस जांच की मांग की और कहा कि यदि अस्पतालों से इलाज करवाने वाले मरीजों की सूची का मिलान ईएसआई अस्पताल से रेफर किए गए मरीजों की सूची से किया जाए, तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है।
श्रम मंत्री अनिल विज की गैरमौजूदगी में विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने प्रश्नकाल के दौरान जवाब दिया, लेकिन विधायक प्रमोद विज उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद खुद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि सरकार ने इन अस्पतालों को 34 करोड़ रुपये की राशि जारी की है और मामले की गहराई से जांच करवाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि पानीपत में 8 एकड़ जमीन पर एक नया ईएसआई अस्पताल बनाया जाएगा, ताकि श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें और प्राइवेट अस्पतालों पर निर्भरता कम हो सके।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जांच के दौरान किसी भी अस्पताल द्वारा फर्जीवाड़े की पुष्टि होती है, तो संबंधित अस्पताल और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार का यह फैसला राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से किया गया है, ताकि श्रमिकों के स्वास्थ्य के नाम पर हो रहे किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सके। अब सरकार इन अस्पतालों के बिलों और मरीजों की सूची की गहन जांच करेगी और जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।