मथुरा: गर्मी के मौसम की शुरुआत के साथ ही वृंदावन स्थित बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन और भोग सेवा में बदलाव किए गए हैं। होली के बाद से ठाकुरजी को अर्पित किए जाने वाले भोग में अब हल्के और तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाई गई है, जबकि गरिष्ठ पदार्थों को कम किया गया है।
दर्शन समय में बदलाव
ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए मंदिर के दर्शन समय में परिवर्तन किया गया है:
- सुबह 7:45 बजे पट खुलते हैं और 12:00 बजे राजभोग के बाद बंद हो जाते हैं।
- शाम 5:30 बजे पट खुलते हैं और रात 9:30 बजे शयन भोग आरती के बाद बंद कर दिए जाते हैं।
- ग्रीष्म ऋतु में ठाकुरजी एक घंटे पहले उठते हैं और रात में भी एक घंटे देरी से विश्राम करते हैं।
मंगला आरती की परंपरा नहीं
बांकेबिहारी मंदिर में सुबह मंगला आरती नहीं होती। मान्यता के अनुसार, बांकेबिहारी रात में निधिवन में रास रचाते हैं और इसलिए उन्हें जल्दी न उठाने की परंपरा है।
गर्मियों के लिए नई पोशाक
गर्मी से राहत देने के लिए ठाकुरजी के वस्त्रों में भी बदलाव किया गया है। अब उन्हें हल्के रंग के रेशम और सूती कपड़े पहनाए जा रहे हैं। यह नई व्यवस्था दीपावली तक लागू रहेगी।