दिल्ली सरकार का प्रदूषण नियंत्रण अभियान: रिंग रोड होगी धूल-मुक्त, यातायात प्रबंधन होगा मजबूत




नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने एक व्यापक अभियान शुरू किया है। इसके तहत पूरे रिंग रोड को धूल-मुक्त बनाने, सड़कों और डिवाइडरों पर वृक्षारोपण करने और 250 से अधिक प्रमुख सड़कों पर यातायात की भीड़ को कम करने की योजना बनाई गई है।  


वैज्ञानिक और टिकाऊ उपायों पर जोर 

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को अभियान की शुरुआत करते हुए कहा, "दिल्ली सरकार वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए वैज्ञानिक और टिकाऊ उपायों के लिए प्रतिबद्ध है। स्वच्छ और प्रदूषण-मुक्त शहर का लक्ष्य ग्रीन कॉरिडोर विकास, यातायात प्रबंधन और बेहतर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से हासिल किया जाएगा।"  

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए केंद्र, विभिन्न एजेंसियों और जनता के साथ मिलकर काम कर रही है।  


प्रमुख कदम और योजनाएं  

रिंग रोड पर धूल नियंत्रण: मशीनीकृत सफाई और स्प्रिंकलर के उपयोग से पूरे रिंग रोड को धूल-मुक्त बनाया जाएगा।  

निर्माण स्थलों पर कड़े नियम: निर्माण स्थलों पर प्रदूषण नियंत्रण उपायों का सख्ती से पालन कराया जाएगा।  

वाहन प्रदूषण की जांच: वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए जल्द ही एक अभियान शुरू किया जाएगा।  

यातायात जाम का समाधान: 250 से अधिक प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई है, जहां यातायात जाम की समस्या सबसे अधिक है। पुलिस की मदद से यातायात बाधाओं के कारणों की पहचान कर समाधान निकाला जाएगा।  

पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुधार: डीटीसी बस मार्गों को अधिक कुशल बनाया जा रहा है और सार्वजनिक बसों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है, जिससे निजी वाहनों पर निर्भरता कम की जा सके।  

स्मॉग गन और स्प्रिंकलर: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने और मानसून को छोड़कर पूरे साल स्प्रिंकलर और स्मॉग गन की तैनाती का निर्णय लिया गया है।  

सड़क मरम्मत पर कड़ी निगरानी: एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और डीडीए को सड़क मरम्मत कार्यों पर साप्ताहिक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।  

सरकार का मानना है कि ये उपाय दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार लाने और नागरिकों को स्वच्छ वातावरण देने में मदद करेंगे।

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