नई दिल्ली: वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) ने दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर स्थित हीरो होंडा चौक फ्लाईओवर का संरचनात्मक ऑडिट शुरू कर दिया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने जनवरी 2025 में CRRI को इस ऑडिट का निर्देश दिया था, जब फ्लाईओवर के एक हिस्से के क्षतिग्रस्त होने से यातायात बाधित हुआ था।
बार-बार हो रही संरचनात्मक विफलताएँ
1. निर्माण और समस्याएँ: 1.4 किमी लंबा यह फ्लाईओवर अगस्त 2014 में स्वीकृत हुआ और जुलाई 2017 में जनता के लिए खोला गया।
2. पहली विफलता:जुलाई 2018 में इसका एक कंक्रीट हिस्सा गिर गया।
3. अन्य घटनाएँ: मई 2019 और मई 2024 में भी फ्लाईओवर में नुकसान की घटनाएँ सामने आईं।
4. गुणवत्ता पर सवाल:2019 में एक आरटीआई कार्यकर्ता रमेश कुमार यादव ने घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग का आरोप लगाया, जिसकी पुष्टि लैब परीक्षण में हुई।
जांच और सुधार के प्रयास
- विशेषज्ञ समिति:बार-बार हो रही संरचनात्मक विफलताओं को देखते हुए, NHAI ने एक तीन-सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त की थी, जिसने CRRI से ऑडिट कराने की सिफारिश की।
- CRRI की जाँच: आठ इंजीनियरों और विशेषज्ञों की तीन टीमें फ्लाईओवर की संरचना का गहन निरीक्षण कर रही हैं।
- सैंपल टेस्टिंग: फ्लाईओवर के विभिन्न हिस्सों से निर्माण सामग्री के नमूने एकत्र कर CRRI प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया जा रहा है।
- समयसीमा: ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने में कम से कम दो महीने लगने की संभावना है।
NHAI अधिकारियों की निगरानी
इस ऑडिट प्रक्रिया में NHAI के परियोजना प्रबंधक जितेंद्र कुमार यादव, साइट इंजीनियर राकेश मीना, प्रबंधक हरीश कुमार और सिविल इंजीनियर पवन कुमार समेत अन्य अधिकारी सहयोग कर रहे हैं।
CRRI की रिपोर्ट आने के बाद फ्लाईओवर के स्थायी सुधार उपायों पर निर्णय लिया जाएगा, जिससे भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचा जा सके।