शिमला: हिमाचल प्रदेश में हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) अपनी पुरानी बसों को नए और आधुनिक बसों से बदलने जा रहा है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा में घोषणा की कि इस साल के अंत तक 1,000 पुरानी बसों को बदला जाएगा, जिसमें 600 बसों की खरीद प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। इनमें 327 इलेक्ट्रिक बसें भी शामिल होंगी, जो पर्यावरण को सुरक्षित रखने और प्रदूषण कम करने में मदद करेंगी।
केंद्र सरकार के नए नियमों के तहत 15 साल से अधिक पुरानी सरकारी गाड़ियां अब सड़कों पर नहीं चलेंगी। इसी नीति के तहत HRTC अपनी पुरानी बसों को नए मॉडल से बदलने की प्रक्रिया में जुटा है और इस योजना को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार से भी चर्चा की जा रही है। इसके अलावा, HRTC अपने बेड़े में 1,500 इलेक्ट्रिक बसों को चरणबद्ध तरीके से शामिल करने की योजना बना रहा है। 327 नई इलेक्ट्रिक बसों की खरीद का आदेश दिया जा चुका है और इनकी मेंटेनेंस की जिम्मेदारी निर्माता कंपनी के पास अगले 10 वर्षों तक रहेगी। प्रत्येक इलेक्ट्रिक बस की कीमत करीब 1.25 करोड़ रुपये होगी, जबकि इनके रखरखाव पर 40-45 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
HRTC टाइप-2 इलेक्ट्रिक बसों की भी खरीद कर रहा है, लेकिन हिमाचल की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सरकार इनमें कुछ बदलाव चाहती थी, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी नहीं दी। नाबार्ड की मदद से चार्जिंग स्टेशन और बसों की खरीद की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक बसों के साथ-साथ 250 डीजल बसें भी खरीदी जाएंगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्विट्जरलैंड जैसे देशों में भी डीजल बसों का संचालन किया जा रहा है, इसलिए हिमाचल में भी इनकी जरूरत बनी रहेगी। खासकर छोटी डीजल बसों की खरीद पर जोर दिया जाएगा, ताकि दूरदराज और जनजातीय इलाकों में परिवहन सेवाएं सुचारू रूप से जारी रखी जा सकें।
दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में यातायात व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सरकार 100 टेंपो ट्रैवलर भी खरीदेगी, और इसके बाद दूसरी चरण में 100 और टेंपो ट्रैवलर खरीदी जाएंगी। बसों की खरीद के लिए केंद्र सरकार का भी सहयोग मिल रहा है, और इलेक्ट्रिक बसों को लेकर मैसर्स इलैक्ट्रा कंपनी से बातचीत हो चुकी है। सरकार कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर जल्द चर्चा करेगी ताकि बसों की डिलीवरी शीघ्र हो सके।
नई बसों के आने से हिमाचल प्रदेश में यात्रियों को अधिक आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा। सरकार ने आश्वासन दिया है कि नई बसों को संतुलित तरीके से सभी विधानसभा क्षेत्रों में चलाया जाएगा। 327 इलेक्ट्रिक बसों की डिलीवरी के लिए कंपनी ने 11 महीने का समय मांगा है, लेकिन सरकार इस प्रक्रिया को जल्द पूरा कराने के लिए लगातार संपर्क में बनी हुई है।